Happy Women's Day

आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है ,
आज की रात न फूटपाथ पे नींद आएगी ,
सब उठो,में भी उठू , तुम भी उठो, तुम भी उठो,
कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएँगी....

ये ज़मी तब भी निगल लेने को आमादा थी,
पाँव जब टूटती शाखाओं से उतारे हमने,
इन मकानों को खबर है, न मकीनो  को खबर ,
उन दिनों की जो गुफाओ में गुज़ारे हमने,

अपनी आँखों में लिए मेहनत-ऐ-पैहम की थकन,
बंद आँखों में इसी कस की तस्वीर लिए,
दिन पिघलता है इसी तरह सरो पर  अब तक,
रात आँखों में कटती है सियाह तीर लिए.....

आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है ,
आज की रात न फूटपाथ पे नींद आएगी ,
सब उठो,में भी उठू , तुम भी उठो, तुम भी उठो,
कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएँगी....

" कैफ़ी आज़मी "



Comments

Anonymous said…
u have reflected the picture in a real sense
NICE & GUD THOUGHT
Dil se.... said…
thanks suman for ur appreciation....:)

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